Aa Shashan Taranharu
- Gargi Samanta
- Mar 24, 2020
- 1 min read
HINDI
आ शासन तारणहारु आतम पावन करनारु जीवो नु हीत करनारु, आ भवथी तारणहारु, आ शासन तो प्राण थी प्यारु छे, जिन शासन अमारु छे जे शौर्य सरीता वहावे, क्षमा सुगंध प्रसरावे, बळ जो हो तो निर्बळ ना, रक्षणने जे शीखवाडे, जे शौर्य सरीता वहावे, क्षमा सुगंध प्रसरावे, बळ जो हो तो निर्बळ ना, रक्षणने जे शीखवाडे, जे वीशधर ने पण ठारे, अभीमानी ने पण वारे, लालच ने जे ललकारे, विकराळ काळ पडकारे, आ शासन तो प्राण थी प्यारु छे, जिन शासन अमारु छे जेणे झील्युं छे रोम रोम मा श्वास श्वास मां शासन, हर घडी हर पळ जस नेत्र मां, जाणे थयु अधीवासन, जेणे झील्युं छे रोम रोम मा श्वास श्वास मां शासन, हर घडी हर पळ जस नेत्र मां, जाणे थयु अधीवासन जेणे भौतिकता ने त्यागी, थावा शासन ना रागी, तस चरणे हुं लागु छुं, ने आलंबन मांगु छुं आ शासन तो प्राण थी प्यारु छे, जिन शासन अमारु छे जेम उदधी उछाळे तरंगा, ज्या दीठे पूनम चंदा, शासन सेवा अवसर देखी, तीम उछाळेआ बंदा, जेम उदधी उछाळे तरंगा, ज्या दीठे पूनम चंदा, शासन सेवा अवसर देखी, तीम उछाळेआ बंदा, नवी गणु तन मन ने स्वजन ने, नही धन ने ने जीवन ने, एम थातु घडी घडी मनने, सवी जीव चहे शासन ने आ शासन तो प्राण थी प्यारु छे, जिन शासन अमारु छे
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