Bhagwan Meri Naiya
- Gargi Samanta
- Apr 21, 2020
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HINDI
भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना...(४) हम दिन दुखी निर्बल , नित नाम रहे प्रतिपल यह सोच दरस दोगे. प्रभु आज नहीं तो कल जो बाग़ लगाया है फूलो से सजा देना भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना...(२) तुम शांति सुधाकर हो , तुम ज्ञान दिवाकर हो हो जी हो ..... मुम हँस चुगे मोती , तुम मानसरोवर हो दो बूंद सुधा रूस की , हम को भी पिला देना भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना... (२) रोकोगे भला कब तक , दर्शन दो मुझे तुम से हो जी हो ..... चरणों से लिपट जाऊं बृक्षों से लता जैसे अब द्वार खड़ा तेरे , मुझे राह दिखा देना भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना... (२) मझदार पड़ी नैया डगमग डोले भव में हो जी हो .... आओ त्रिशाला नंदन हम धयान धरे मन में अब दस करे विनती, मुझे अपना बना लेना भगवन मेरी नैया , उस पार लगा देना अब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना... (४)
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