चरण शरण
चरण शरण में अर्पण तन मन (२) स्वीकारो ये समर्पण
जीवन चिंतन मंथन दर्पण स्वीकारो ये समर्पण
ज्ञान की ज्योति जगमग-जगमग,
सत्य प्रेम की डगर है पग-पग…
तुमसे जुडी हर साँस की माला
भक्ति तुम्हारी बहेती रग-रग
चरण शरण में अर्पण तन मन स्वीकारो ये समर्पण
जीवन चिंतन मंथन दर्पण स्वीकारो ये समर्पण
सागर से मिल बूंद समंदर
गुरुमय हो जा बाहर भीतर..
रहना कोई भेद न दूरी
खोकर खुद को पाले ईश्वर
चरण शरण में अर्पण तन मन स्वीकारो ये समर्पण
जीवन चिंतन मंथन दर्पण स्वीकारो ये समर्पण
Name of Song: Charan Sharan
Language of Song : Hindi
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