English
Ek Lok K Vaasi Hum Thay Sath Rahe Thay Janam Janam,
Tum Charno Mei Yaad Karo Sahe Karamta K Wo Shann,
Kese Juda Hue Hum Guruvar Yaad Aaya Hai Wo Kaaran,
Tera Hokar Tujse Durr Mei Q Kar Rahu Bhraman ,
Q Kar Raha Hu Bhraman Q Kar Raha Hu Bhraman,
Ek Lok K Vaasi Hum Thay Sath Rahe Thay Janam Janam…
Bhul Samaj Aayi Hai Kar Raha Hu Swikaar,
Kar Sakana Hey Guru Tujsa Aatma Se Pyaar,
Tujsa Aatma Se Pyaar. Tujsa Aatma Se Pyaar,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma….
Yatra Teri Jaha Mei Waha Chala Nahi,
Badh Gaye Tere Kadam Mei Khada Hu Wahi,
Mei Khada Hu Wahi Mei Khada Hu Wahi,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma…
Dradh Sthir Hai Nahi Tere Jaisa Mera Mann,
Rang Gaya Hu Guruvar Mei Toh Maaya K Rang,
Mei Toh Maaya K Rang Mei Toh Maaya K Rang,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma…
Mann Vachan Se Hey Guru Ek Roop Hu Nahi,
Swayam Ko Paale Ki Tarap Tujsi Hai Nahi,
Tarap Tujsi Hai Nahi Tarap Tujsi Hai Nahi,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma
Khoyi Hogi Chandana Veer K Dhyan Mei,
Ki Lotey Veer K Charan Uske Sanmaan Mei,
Uske Sanmaan Mei Uske Sanmaan Mei,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma
Kaisi Divya Hogi Re Gautam Ki Aatma,
Ki Milgaye Phir Usey Veer Parmatma,
Veer Parmatma Veer Parmatma,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma..
Tujko Paake Jal Uthay Gyan K Pradip Re,
Gaa Rahi Hai Aatma Mukti K Geet Re,
Mukti K Geet Re Mukti K Geet Re,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma…
Gunn Tere Hai Guru Hriday Mei Visaar Lu,
Tujsa Bann Janeko Purusharth Mein Karu,
Purusharth Mein Karu Purusharth Mein Karu,
Ho Aisi Sahakarmita Ki Mil Jaaye Aatma
Teri Sharan Mei Ban Jaaye Aatma Parmatma (2)
Aatma Parmatma (3)
एक लोक के वासी हम थे साथ रहे थे जनम जनम,
तुम में याद करो सही करमता के वो शन्न,
कैसे जुड़ा हुए हम गुरुवार याद आये है वो कारण,
तेरा होकर तुझसे दूर में क्यू कर राहु भ्रमण,
क्यू कर रहा हु भ्रमण क्यू कर रहा हु भ्रमण,
एक लोक के वासी हम थे साथ रहे थे जनम जनम।
भूल समाज आयी है कर रहा हु स्वीकार,
कर सकना हे गुरु तुजसा आत्मा से प्यार,
तुजसा आत्मा से प्यार तुजसा आत्मा से प्यार,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
यात्रा तेरी जहा में वह चला नहीं,
बढ़ गए तेरे कदम में खड़ा हु वही,
में खड़ा हु वही में खड़ा हु वही,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
दृढ स्थिर है नहीं तेरे जैसा मेरा मन,
रंग गया हु गुरुवार में तोह माया के रंग,
में तोह माया के रंग में तोह माया के रंग,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
मन वचन से हे गुरु एक रूप हु नहीं,
स्वयम को पाले की तरप तुजसि है नहीं,
तरप तुजसि है नहीं तरप तुजसि है नहीं,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
खोयी होगी चांदना वीर के ध्यान में,
की लोटे वीर के चरण उसके सन्मान में,
उसके सन्मान में उसके सन्मान में,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
कैसी दिव्या होगी रे गौतम की आत्मा,
की मिल गए फिर उसे वीर परमात्मा,
वीर परमात्मा वीर परमात्मा,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
तुझको पाके जल उठा ज्ञान के प्रदीप रे,
गा रही है आत्मा मुक्ति के गीत रे,
मुक्ति के गीत रे मुक्ति के गीत रे,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
गुण तेरे है गुरु ह्रदय में विस्तार लू,
तुजसे बन जानेको पुरुषार्थ में करू,
पुरुषार्थ में करू पुरुषार्थ में करू,
हो ऐसी सहकर्मिता की मिल जाये आत्मा।
तेरी शरण में बन जाये आत्मा परमात्मा (२)
आत्मा परमात्मा। (३)
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