HINDI
वादळ थी वातो करे,
उंचो गढ गीरनार,
पावन थइ डोली रह्यो ,
जयारे आव्या नेम कुमार,
राजुल आवी साथ मां,
छोडी सकळ संसार,
अमर कहानी प्रेम नी,
गाई रह्यो गीरनार
जोगी थइ ने चाल्या नेम कुमार,
धन्य बन्यो रे पेलो गढ गीरनार,
विचरे ज्यां विश्व ना तारणहार (२)
धन्य बन्यो रे पेलो गढ गीरनार,
जेने जग कल्याण नी लागी लगन,
जीवन नी साधना मां मनडुं मगन,
अंतर मां प्रगटे छे प्रीत नी अगन,
आतम उडे छे एनो उंचे गगन (२)
वायरा मां वेहती वासंती बहार,
धन्य बन्यो रे पेलो गढ गीरनार
जेना प्राण मां थी प्रसरे छे एवो प्रकाश,
उजाळी दीधा छे धरती आकाश,
भव भव नी प्रीतडी नो बांध्यो छे पाश,
पूरी छे राजुल ना अंतर नी आश (२)
मोक्षे सीद्धाव्या राजुल नेमकुमार,
धन्य बन्यो रे पेलो गढ गीरनार
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