Rushabh Jinand Dayal
- Raushan Kumar
- May 19, 2019
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Rushabh Jinand Dayal
लागी रे लागी रे लागी रे मोहे तुमसे लगन लागी…(४)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा (२)
लागी लगन वा छोडी ना छुटे (२)
जब तक घट मे हे प्राण हो मोहे लागी लगन वा (२)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा
विमलाचल मंडण दुख खंडण (२)
मंडण धर्म विशाल हो मोहे लागी लगन वा (२)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा
विषधर मोर चोर कामिजन (२)
दर्शन कर निहाल हो मोहे लागी लगन वा (२)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा
हुं अनाथ तु त्रिभुवन नाथ (२)
कर मोरी संभाळ हो मोहे लागी लगन वा (२)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा
आतम आनंद कंद के दाता (२)
दाता परम दयाळ हो मोहे लागी लगन वा (२)
रुषभ जिणंद दयाल हो मोहे लागी लगन वा
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