HINDI
संभव जानवर विनति,
अवधारो गुणज्ञाता रे; खामी नहीं मुज खिजमत,
कदीय होशो फल दाता रे. संभव. १ कर जोडी उभो रहा,
रात दिवस तुम ध्यान में; जो मनमां आणो नहीं,
तो शुं कहीए थाने रे. संभव. २ खोट खजाने को नहीं,
दीजीए वांछित दानो रे;
करुणा नजर प्रभुजी तणी, वाधे सेवक वानो रे. संभव. ३
काल लब्धि मुज मति गणो, भाव लब्धि तुम हाथे रे;
लडथडतुं पण गज बच्चु,
गाजे गयवर साथी रे. संभव. ४
देशो तो तुम ही भलुं,
। बीजा तो नवि जाचुं रे; वाचक यश कहे सांसों,
फलशे ए मुज साचुं रे. संभव. ५
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