Guru Mahima
- Raushan Kumar
- May 11, 2019
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गुरु महिमा
गुरु महिमा है जग में बड़ी, गुरु बैठे हैं अंदर में,
जैसे सूरज हो अंबर में, जैसे मोती समंदर में…
वो दूर नहीं मुझसे, मैं दूर नहीं उनसे,
वो साथ में हैं मेरे, मैं साथ में हूँ उनके,
गुरु ज्ञान से निखरी मैं, गुरु प्रेम से सुधरी मैं,
जैसे श्याम पितांबर में, जैसे चाँद निलांबर में…
बिन तेरे हे भगवन, लगती हूँ मैं ऐसी,
जैसे स्वाति बिना चातक, जैसे श्याम बिना बंसी,
तुम आये हो जीवन में, और छाए हो तन मन में,
जैसे फूल है गुलशन में, जैसे रुप हो दर्पण में…
शब्द सुने पडे हैं सब, कैसे गाऊँ तेरी गाथा,
प्रभु तेरे बिना अब तो, एक पग ना चला जाता,
सांसों में समाऊँ तुज़े, अँखियों में बसाऊँ तुज़े,
जैसे हंस सरोवर में, जैसे घटा हो सावन में…
गुरु महिमा है जग में बड़ी, गुरु बैठे हैं अंदर में,
जैसे सूरज हो अंबर में, जैसे मोती समंदर में…
Name of Song : Guru Mahima
Language of Song : Hindi
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